The Definitive Guide to sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं get more info पठेत् ।
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.
इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।